वाराणसी [शाश्वत मिश्रा]। आज पूरी दुनिया श्रीमदभागवत गीता के महत्व को स्वीकार करती है। इस विश्वास की नींव में एक मजबूत पत्थर काशी का भी है। ईस्ट इंडिया कंपनी के जूनियर क्लर्क चार्ल्स विलकिंस ने 1784 में पहली बार गीता का संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद किया था। यह संस्कृत से किसी भी यूरोपीय भाषा में होने वाला पहला अनुवाद था। इसके लिए उन्हेंं तत्कालीन बंगाल के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स का भी काफी सहयोग मिला। हेस्टिंग्स ने ही चाल्र्स को काशी जाकर काशीनाथ भट्टाचार्या नामक विद्वान से संस्कृत सीखने और गीता के अनुवाद के लिए प्रेरित किया था। इसके बाद चाल्र्स काशी आए और संस्कृत सीखने के बाद गीता का अनुवाद किया। हालांकि शुरू में उनका उद्देश्य महाभारत के अनुवाद का था। बाद में उन्होंने अपना मन बदल लिया।
शिवाला घाट के पास बनाया था निवास
चार्ल्स विलकिंस 1770 में कोलकाता आए। उनकी नियुक्ति जूनियर क्लर्क के रूप में हुई थी। वो इंग्लैंड में समरसेट के एक धनी परिवार से थे। भारतीय भाषाओं के अध्ययन में उन्होंने बहुत काम किया था। काशी में उन्होंने शिवाला घाट के पास निवास बनाया था। 1774 के करीब उन्होंने हेस्टिंग्स से खराब स्वास्थ्य के आधार पर प्रशासनिक कामों से मुक्ति मांगी ताकि वो बनारस जा कर संस्कृत पढ़ सकें। हेस्टिंग्स ने कोलकाता में भारतीय भाषाओं के प्रति विलकिंस के लगाव को देखा था। उन्होंने इस प्रस्ताव को ईस्ट इंडिया कंपनी के बोर्ड में रखा और उसे पास करवाया।
कोलकाता में भी प्रसिद्ध थे काशीनाथ
अंग्रेजों के कागजात में काशीनाथ भट्टाचार्य प्रमुखता से नहीं मिलते हैं लेकिन थोड़ा खंगालने पर कुछ दस्तावेज ऐसे हैं जहां उनका जिक्र आता है। चाल्र्स के काशी आने से पहले ही कोलकाता में काशीनाथ का नाम प्रसिद्ध था। एक स्थान पर काशीनाथ ने खुद लिखा है कि चाल्र्स विलकिंस से काशी में उनकी मुलाकात हुई। विलकिंस ने कई पंडितों को उनके पास भेजकर हिंदू शास्त्र और संस्कृत सीखने की इच्छा जताई थी। विलियम जोंस ने भी काशीनाथ का कई स्थानों पर सम्मान के साथ जिक्र किया है। किसी भी यूरोपीय भाषा में संस्कृत के पहले व्याकरण लेखन का श्रेय भी चार्ल्स विलकिंस को जाता है। इसमें भी काशीनाथ भट्टाचार्य ने उनकी बहुत सहायता की थी।
वारेन हेस्टिंग्स ने बताया नायाब तोहफा
बिना हेस्टिंग्स के प्रयासों के गीता का यह पहला अनुवाद संभव नहीं हो पाता। अक्टूबर 1784 में विलकिंस ने हेस्टिंग्स को अनुवाद प्रदान किया था। अपनी पत्नी को लिखे पत्र में एक स्थान पर हेस्टिंग्स ने लिखा था कि आज मेरे मित्र विलकिंस ने मुझे नायाब तोहफा दिया है। इसे मैं जल्द ही जनता को समॢपत करने वाला हूं। 1784 के दिसंबर माह में हेस्टिंग्स ने इस अनुवाद को ईस्ट इंडिया कंपनी के बोर्ड के सामने पेश किया और पूरा जोर लगाया कि कंपनी इसका प्रकाशन करे। उन्हीं के प्रयासों के बाद 1785 में यह कृति छपकर आई।
खुल गया अनुवादों का द्वार
अंग्रेजी अनुवाद के दो वर्ष बाद विलकिंस की इसी रचना को आधार बनाकर रशियन और फ्रेंच भाषा में गीता का अनुवाद हुआ। इसके कुछ वर्ष बाद जर्मन भाषा में भी गीता का अनुवाद किया गया।
गीता जयंती
मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। माना जाता है कि द्वापर में इसी दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसीलिए आज के दिन गीता जयंती मनाई जाती है।