वाशिंगटन। अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू हो गई है। इस संबंध में लाए गए प्रस्ताव पर बुधवार को मतदान होगा। इसके जरिये ट्रंप पर महाभियोग के लिए आरोप तय किए जाएंगे। सदन में यह प्रस्ताव सोमवार को पेश किया गया। इसमें ट्रंप पर मुख्य रूप से यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कैपिटल हिल यानी संसद परिसर पर हमले के लिए अपने समर्थकों को उकसाया था।
प्रतिनिधि सभा में बुधवार से पहले एक अन्य प्रस्ताव पर भी मतदान होगा। इस प्रस्ताव के माध्यम से ट्रंप को हटाने के लिए उप राष्ट्रपति माइक पेंस और कैबिनेट से अपील की जाएगी। उनसे यह कहा जाएगा कि वे 25वें संविधान संशोधन के प्रावधानों को लागू कर ट्रंप की फौरन छुट्टी कर दें। डेमोक्रेट सांसदों ने यह प्रस्ताव सोमवार को पेश किया था। इसका ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने विरोध किया था। इस प्रस्ताव पर अमल के लिए बुधवार सुबह तक की मोहलत दी जाएगी। इस पर अमल नहीं होने पर सदन में बुधवार को ही महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी। फिर शाम को मतदान कराया जाएगा।
प्रतिनिधि सभा की स्पीकर और डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी ने यह जानकारी देते हुए कहा, ‘हमारे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें तुरंत कदम उठाना होगा, क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका के लिए खतरा हैं।’
बता दें कि अमेरिकी संसद पर गत छह जनवरी को हुए हमले के बाद ट्रंप चौतरफा घिर गए हैं। वह अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में हैं। अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने ट्रंप को 20 जनवरी से पहले पद से हटाने के लिए कमर कसी है। बाइडन 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
ट्रंप ने पेंस से की मुलाकात
ट्रंप ने सोमवार को उप राष्ट्रपति पेंस से मुलाकात की। दोनों की संसद पर हमले की घटना के बाद यह पहली मुलाकात रही। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच अच्छी चर्चा हुई। ट्रंप और पेंस ने बचे हुए कार्यकाल के लिए मिलकर काम जारी रखने का वादा किया। हालांकि उन्होंने यह बताने से इन्कार कर दिया कि उनके बीच 25वें संविधान संशोधन मसले पर बातचीत हुई या नहीं। उप राष्ट्रपति पेंस यह पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए कदम नहीं उठाएंगे।
तो ट्रंप बनेंगे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति
ट्रंप पर दोबारा महाभियोग चलने का खतरा बढ़ गया है। प्रतिनिधि सभा से अगर बुधवार को प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो ट्रंप अपने कार्यकाल में दूसरी बार महाभियोग का सामना करने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बन जाएंगे। प्रतिनिधि सभा में ट्रंप के खिलाफ पद के दुरुपयोग के आरोप में दिसंबर, 2019 में भी महाभियोग लाया गया था। लेकिन बाद में यह महाभियोग रिपब्लिकन के बहुमत वाले संसद के ऊपरी सदन सीनेट में गिर गया था।
ट्रंप के साथ डॉयचे बैंक नहीं करेगा कारोबार
संसद पर ट्रंप समर्थकों के हमले के बाद डॉयचे बैंक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप या उनकी कंपनियों के साथ आने वाले समय में कोई कारोबार नहीं करेगा। यह जर्मन बैंक ट्रंप के लिए बड़ा ऋणदाता है। इस बैंक ने ट्रंप आर्गेनाइजेशन को 34 करोड़ डॉलर (करीब ढाई हजार करोड़ रुपये) कर्ज के रूप में दे रखे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने यह खबर दी है।