जापान के एक स्कूल की पूर्व छात्रा को 21 साल बाद अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर न्याय मिला है। ओसाका की कोर्ट ने इसे छात्रा का इमोशनल डैमेज बताते हुए 2.5 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। दरअसल, 21 साल पहले जब छात्रा स्कूल में थी तब टीचर्स ने उसके भूरे बाल (Brown hair) को अननेचुरल कहा था। तब टीचर ने उससे पूछा था, तुम्हारे बाल भूरे कैसे हैं? तुम जब तक अपने बालों का रंग काला न करवा लो क्लास में मत आना। साथ ही किसी भी प्रोग्राम में भी शामिल मत होना। इसके बाद तनावग्रस्त छात्रा कई दिनों तक स्कूल नहीं आ सकी थी। जब उसने डाई करवाई, तब उसे क्लास में एंट्री मिली थी।
कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
ओसाका की कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि तब स्कूल का छात्रा पर बाल डाई करवाने की कार्रवाई कानूनी थी, लेकिन पूर्व छात्रा को सरकार ने भावनात्मक रुप से 21 साल का नुकसान पहुंचाया है। इसलिए उसे 2.26 लाख (330,000 येन) मुआवजे के रूप में दिया जाना चाहिए। छात्रा उदास हो गई और उसने अपने जीवन के महत्वपूर्ण समय में इस तनाव को झेला। इससे उसकी पढ़ाई भी प्रभावित हुई।
स्कूल ने ये रखा पक्ष
कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से वकील ने बताया कि उस समय के वाइस प्रिंसिपल को चेकिंग के दौरान छात्रा के बाल पर्याप्त रूप से काले नहीं थे। जबकि छात्रा ने भूरे होने का दावा किया था। नियमो के तहत उसे बाल डाई करने को कहा गया। उस दौरान उन्हें स्कूल आने से रोका गया था। क्लास से उनकी सीट हटा दी गई थी। क्लास लिस्ट से भी उसका नाम हटाया गया था।
जापान के स्कूलों में बालों के लिए हैं नियम
जापानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जापान के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई तरह के प्रतिबंध हैं। जैसे- बाल घुंघराले और लटके हुए नहीं होने चाहिए। बालों में किसी भी प्रकार का कलर और ब्लीच्ड नहीं किया जा सकता।